हॉरर बोले तो हॉरर...

जब से मार्वल ने मार्वल सिनेमेटिक यूनिवर्स और डीसी ने डीसी एक्सटेंडेड यूनिवर्स शुरू किया है, तब से एडवेंचर सिनेमा पसंद करने वाले सिनेप्रेमियों की बहार आ गयी है. वफादार प्रशंसकों का ऑनलाइन तथा ऑफलाइन घमासान इन्हें फायदा ही पहुंचा रहा है. हालांकि मुद्दे की बात ये भी है कि ये दोनों कम्पनियां दर्शकों को बेस्ट देने की जी तोड़ कोशिश भी कर रही हैं. अब इनके बीच आते है मियां यूनिवर्सल. अब भई, जब ये दोनों अपना अपना यूनिवर्स “लॉन्च” कर चुके है, तो यूनिवर्सल जो कि पहले से ही “यूनिवर्सल” है, वो क्यों पीछे रहे? ना जी, अपना यूनिवर्स लॉन्च करने में कोई बुराई नहीं. लेकिन ये क्या बात हुई कि अभ्यास मैच खेला भी नहीं और सीधा फाइनल में कूद पड़े...? कमोबेश कुछ ऐसा ही, यूनिवर्सल ने “डार्क यूनिवर्स” के साथ किया. अपनी पिछली फिल्मों का रिबूट तैयार कर रिलीज़ करने का एजेंडा बनाये यूनिवर्सल के दिमाग में यही दही जमी थी हुज़ूर, जब जनता बिरयानी पसंद करती हो तो क्या फर्क पड़ता है आज की बनी हो या पिछले इतवार की. लेकिन जनाब, वो ये भूल गए बासी दाल में चाहे जितना भी हींग का तड़का लगा दो, वह रहेगी बासी ही. बासी व्यंजन मे...